हमारे 24 तीर्थकरों की निर्वाण स्थली देश के विभिन्न भागो में दूरदराज दुर्गम क्षेत्रो में अवस्थित है वहां सब यात्रियों का दर्शनार्थ जाना सम्भव नहीं है। तीर्थकरों का निर्वाण हुए हजारों लाखो वर्ष व्यतीत हो गए। स्थापना निक्षेप से उन की निर्वाण स्थली बनी हुई है।
स्थापना निक्षेप से सभी निर्वाण स्थलों के दर्शन हो जाए इसी भावना से "श्री परमागम श्रावक ट्रस्ट" ने "पंचतीर्थ" के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया। पंचतीर्थ यानी /1/ श्री सम्मेद शिखर /2/ श्री कैलाश पर्वत /3/ श्री गिरनार पर्वत /4/ श्री चपापुर मंदारगिरी /5/ एवं श्री पावापुर। इसके निर्माण में ट्रस्ट ने अनेक प्रतिष्ठाचार्यों से विचार विनिमय कर श्री स म्मेद शिखर पर 2 मंदिर /1/ श्री चंद्रप्रभु एवं /2/ श्री पार्श्वनाथ भगवान के 18 चरण तथा 1 चरण गौतम गणधर देव के। इसी तरह श्री कैलाश पर्वत पर 1 मंदिर भगवान आदिनाथ का, श्री गिरनार पर्वत पर भगवान नेमीनाथ का, चंपापुर में भगवान वासुपूज्य का, मंदारगिरी पर भगवान वासुपुज्य के चरण, तथा पावापुर में भगवान महावीर के जलमदिर का निर्माण किया गया है।